दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों को लेकर नए नियमों की घोषणा हो गई है। अब से, इन कारों का उपयोग सार्वजनिक वाहनों में यात्रा के लिए नहीं होगा संभावित। ग्रेप-तीन (GRAP-3) के नियमों के अनुसार परिवहन विभाग ने इस कारों पर बैन को लागू किया है, जिससे आज के बाद इन कारों का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। यह नया कदम शनिवार को प्रदर्शित हुआ है और यह उपायुक्त योगेश जैन द्वारा जारी किया गया है।
सोमवार से दिल्ली में पांच लाख कारों पर लगेगा ब्रेक
नई दिल्ली: दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों के लिए नए प्रतिबंध लागू हो गए हैं। आज से इन कारों को सार्वजनिक वाहनों में यात्रा करने का अनुमति नहीं है। परिवहन विभाग ने इस निर्णय को ग्रेप-तीन (GRAP-3) के नियमों के तहत लिया है, और इसकी घोषणा परिवहन विभाग के उपायुक्त योगेश जैन ने शनिवार को की है।
नए आदेश के अनुसार, यदि दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल से संचालित चार-पहिया वाहन मिलता है, तो उसके मालिक पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। दिल्ली में इस प्रकार की 2,07,038 पेट्रोल और 3,09,225 डीजल कारें हैं।
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पेट्रोल-डीजल कारें इतनी पुरानी नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल, जिसका मतलब है एक अप्रैल 2010 से पहले की पेट्रोल, और बीएस-4 डीजल, जिसका मतलब है एक अप्रैल 2020 से पहले की पंजीकृत डीजल कारें, अब दिल्ली में चलाई नहीं जा सकेंगी। इस परिस्थिति के सामने होने पर परिवहन विभाग ने इन कारों पर कार्रवाई के लिए 114 टीमें तैनात की हैं।
ऐसे कारों पर प्रतिबंध नहीं
हालांकि, आपातकालीन सेवाओं और सरकारी कार्यों के लिए तैनात वाहन इस प्रतिबंध के प्रभाव से बाहर रहेंगे। दिल्ली में पंजीकृत (रजिस्टर्ड) पांच लाख कारें हैं, जिनसे दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के लोग आवागमन करते हैं, लेकिन ये कारें आज से चलाई नहीं जा सकेंगी।
इस प्रतिबंध की वजह
इन कारों पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है, क्योंकि एक अध्ययन के अनुसार दिल्ली में कुल प्रदूषण का लगभग 40 -45% हिस्सा वाहनों से आता है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है।