Upcoming Renault-Nissan SUVs: रेनो और निसान ने भारतीय बाजार को मजबूत करने की योजना के तहत हाल ही में नई गाड़ियों को लॉन्च करने की घोषणा की थी। इन गाड़ियों में दो मिड-साइज़ SUV शामिल हैं, जिनके 2025 में लॉन्च होने की उम्मीद है। इन दोनों गाड़ियों को ही 7-सीटर वर्जन में भी पेश किया जाएगा, जो 2026 में बाजार में आएंगी। लीक हुई जानकारी के अनुसार, ये चारों SUV सिर्फ दो इंजन विकल्पों के साथ पेश की जाएंगी, और दोनों ही टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन होंगे।
पहला इंजन 1.0 लीटर, तीन-सिलेंडर वाला HR10 पेट्रोल इंजन होगा, जो मौजूदा रेनो Kiger और निसान मैग्नाइट में भी इस्तेमाल होता है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि इस इंजन के परफॉर्मेंस आंकड़ों को बढ़ाया जाएगा ताकि वो इस सेगमेंट की प्रतिस्पर्धी गाड़ियों के बराबर हो सकें।
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दूसरा इंजन 1.3 लीटर का टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन होगा। ये इंजन पहले वाली पीढ़ी की रेनो डस्टर और निसान किक्स में भी इस्तेमाल किया जाता था और इसे ज्यादा पावर और बेहतर परफॉर्मेंस देने वाला माना जाता है।
रेनो-निसान की इस रणनीति के पीछे भारत में बढ़ती पेट्रोल की मांग और डीजल वाहनों पर लगातार सख्त होते उत्सर्जन नियमों को माना जा रहा है। केवल पेट्रोल इंजन विकल्प देने से कंपनी को ना सिर्फ लागत कम करने में मदद मिलेगी बल्कि माइलेज के आंकड़ों को भी बेहतर तरीके से पेश किया जा सकेगा।
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बड़ा और दमदार 1.3L टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन
भारतीय बाजार में 1.3 लीटर का टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन कोई नया नहीं है। HR13 इंजन को सबसे पहले निसान किक्स में पेश किया गया था और इसी इंजन ने पिछली पीढ़ी की रेनो डस्टर को भी पावर दिया था। यह इंजन 156 hp की पावर पैदा करता है और इसे मर्सिडीज-बेंज A-Class सेडान में भी पाया जा सकता है। अनुमान है कि भारत में आने पर इस इंजन को 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन या CVT गियरबॉक्स के साथ जोड़ा जा सकता है।
1.5L NA पेट्रोल इंजन की संभावना
नई पीढ़ी की डस्टर और उसकी निसान समकक्ष के लिए 1.5 लीटर NA पेट्रोल इंजन के विकल्प को भी पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है। यह इंजन इन गाड़ियों के लो-स्पेक वेरिएंट में पेश किया जा सकता है, लेकिन किसी भी डीजल इंजन की फिलहाल कोई योजना नहीं है। हाइब्रिड इंजन की पेशकश की जाएगी या नहीं, यह अभी अज्ञात है क्योंकि इस सेगमेंट में पहले से ही मारुति सुजुकी और टोयोटा के मजबूत हाइब्रिड इंजन मौजूद हैं।
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डिजाइन और प्लेटफॉर्म
नई डस्टर और उसकी निसान समकक्ष को पहले ही टीज किया जा चुका है और दोनों ही वैश्विक स्तर पर अपनाई गई नवीनतम डिजाइन फिलॉसफी का पालन करेंगी। ये दोनों गाड़ियां व्यापक रूप से स्थानीयकृत CMF-B प्लेटफॉर्म पर आधारित होंगी, जो कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पाई जाती है और इससे दोनों मॉडलों के लिए प्रतिस्पर्धी कीमत निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
डस्टर की वापसी और कड़ी चुनौती
रेनो ने भारत में डस्टर के साथ अपनी पहचान बनाई थी और अब यह नाम एक बार फिर से वापसी कर रहा है, वो भी मॉडल के नवीनतम वैश्विक संस्करण के साथ। हालांकि, अभी भी यह सवाल बना हुआ है कि नई पीढ़ी की डस्टर की निसान समकक्ष टेराइनो नाम अपनाएगी या नहीं।
भारत में इन दोनों नई गाड़ियों को कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि उन्हें मिड-साइज़ SUV सेगमेंट की लोकप्रिय गाड़ियों से मुकाबला करना होगा, जिनमें हुंडई क्रेटा, किया सेल्टोस, मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा, टोयोटा हाइराइडर, स्कोडा कुशाक, फॉक्सवैगन टैगुन, होंडा एलिवेट, MG अस्टर आदि शामिल हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, रेनो-निसान की नई मिड-साइज़ SUV भारतीय बाजार में एक दिलचस्प प्रविष्टि होने की उम्मीद है। टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन का विकल्प, आधुनिक सुविधाओं की भरमार और प्रतिस्पर्धी कीमत इन गाड़ियों को उन खरीदारों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना सकती है जो एक स्टाइलिश और किफायती SUV की तलाश में हैं। यह देखना बाकी है कि क्या कंपनी सिर्फ पेट्रोल इंजन रणनीति के साथ सफल हो पाएगी, लेकिन नई डस्टर और उसकी निसान समकक्ष निश्चित रूप से इस सेगमेंट में हलचल मचाने के लिए तैयार हैं।
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